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Showing posts from November, 2018

योगी जी कितने अज्ञानी हैं कि उनको कुछ भी पता नहीं और शिव जी द्वारा श्रपित नदी के किनारे दिपावली मना रहे हैं ,सरयू की पूजा कर रहे हैं आरती उतार रहे हैं। योगी जी कम से कम "उत्तर रामायण" ही पढ़ लेते।

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अयोध्या :-  एक सच्चा अनुभव बात 1998-99 के आसपास की है। मेरे एक अभिन्न और पारिवारिक मित्र ने एक दिन मुझसे कहा कि क्युँ ना कल फैजाबाद मैं अपने परिवार के साथ चलूँ ? हम लोग रास्ते में अपना काम कर लेंगे और फैमिली अयोध्या घूम लेगी , शाम को वापस हो जाएँगे। हमने कहा हाँ ये ठीक रहेगा और हम अगले दिन तड़के कार से मैं मेरा मित्र उनकी धर्मपत्नी और एक 4 साल की बेटी निकल गये। 6 दिसंबर 1992 की घटना के बाद अयोध्या के बारे में मेरे मन मे एक उत्सुकता पैदा हुई यद्धपि बाबरी मस्जिद के रहते कभी वहाँ जाने का भी विचार नहीं आया। अकेले जाना खतरनाक था पकड़े जाने पर ना जाने कौन कौन सी पूछताछ होती आने का  कारण पूछा जाता  फिर धाराएँ लगतीं। रास्ते में व्यापारिक कार्य करने में विलम्ब हो गया और हम शाम 5 बजे अयोध्या पहुंचे पर चुकिं विध्वन्स की धटना को अधिक दिन नहीं हुए थे तो सुरक्षा चकाचक लम्बी लम्बी बन्दूक लेकर जाने कहां कहां से आए काले गोरे जवान एक एक व्यक्ति को घूर घूर रहे थे वहां आकर लगा कि आना उचित नहीं था कहीं मेरे धर्म की पहचान हो गई तो फिर धारा उपधारा इतनी लगेंगी कि अगला पर्यट...

क्या सरयू शापित नदी है। उसमें स्नान करने का पुण्य नहीं मिलता। सरयू की पूजा वर्जित है , आरती वर्जित है।

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अयोध्या :-  एक सच्चा अनुभव बात 1998-99 के आसपास की है। मेरे एक अभिन्न और पारिवारिक मित्र ने एक दिन मुझसे कहा कि क्युँ ना कल फैजाबाद मैं अपने परिवार के साथ चलूँ ? हम लोग रास्ते में अपना काम कर लेंगे और फैमिली अयोध्या घूम लेगी , शाम को वापस हो जाएँगे। हमने कहा हाँ ये ठीक रहेगा और हम अगले दिन तड़के कार से मैं मेरा मित्र उनकी धर्मपत्नी और एक 4 साल की बेटी निकल गये। 6 दिसंबर 1992 की घटना के बाद अयोध्या के बारे में मेरे मन मे एक उत्सुकता पैदा हुई यद्धपि बाबरी मस्जिद के रहते कभी वहाँ जाने का भी विचार नहीं आया। अकेले जाना खतरनाक था पकड़े जाने पर ना जाने कौन कौन सी पूछताछ होती आने का  कारण पूछा जाता  फिर धाराएँ लगतीं। रास्ते में व्यापारिक कार्य करने में विलम्ब हो गया और हम शाम 5 बजे अयोध्या पहुंचे पर चुकिं विध्वन्स की धटना को अधिक दिन नहीं हुए थे तो सुरक्षा चकाचक लम्बी लम्बी बन्दूक लेकर जाने कहां कहां से आए काले गोरे जवान एक एक व्यक्ति को घूर घूर रहे थे वहां आकर लगा कि आना उचित नहीं था कहीं मेरे धर्म की पहचान हो गई तो फिर धारा उपधारा इतनी लगेंगी कि अगला पर्यटन संभव नहीं ...

मौसम चुनाव में हरिवंश राय बच्चन की कविता से बीजेपी को इतनी परहेज क्यो है

मौसम चुनाव के फिर आ गये हैं, संभव है कि हर मोड पर कोई ना कोई आपको मिल जाए, जो आपको अहसास दिलाने लगे कि "आप हिन्दु हो " "आप मुसलमान हो"      मेरी सलाह है कि इस पूरे चुनावी मौसम के दौरान, जब भी घर से निकलें, हरिवंश राय बच्चन की यह कविता, पढकर निकलें, यह आपको अहसास दिलाती रहेगी कि "आप इन्सान हो" ! ना दिवाली होती, और ना पटाखे बजते, ना ईद की अलामत, ना बकरे शहीद होते ! तू भी इन्सान होता, मैं भी इन्सान होता, काश कोई धर्म ना होता, काश कोई मजहब ना होता ! ना अर्घ्य देते, ना स्नान होता, ना मुर्दे बहाए जाते, ना विसर्जन होता, जब भी प्यास लगती,  नदियों के पानी पीते, पेड़ों की छाँव होती,  नदियों का गर्जन होता ! ना भगवानों की लीला होती, ना अवतारों,का नाटक होता, ना देशों की सीमा होती, ना दिलों का फाटक होता ! ना कोई झूठा काजी होता, ना लफंगा साधु होता, ईन्सानियत के दरबार मे, सबका भला होता ! तू भी इन्सान होता, मैं भी इन्सान होता, काश कोई धर्म ना होता, काश कोई मजहब ना होता ! कोई मस्जिद ना होती, कोई मंदिर ना होता, कोई दलित ना होता, कोई...

बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने पुलिस बलों को मुक्का मारा

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बिन बुलाए मनोज तिवारी केजरीवाल के मंच पर क्यों आना चाहते थे  दिल्ली के सिग्नेचर ब्रिज के आधिकारिक उद्घाटन से पहले रविवार को इसका श्रेय लेने के लिए बीजेपी और दिल्ली प्रदेश में सत्ताधारी आम आदमी पार्टी के लोग भिड़ गए. दिल्ली बीजेपी प्रमुख मनोज तिवारी की आप कार्यकर्ताओं और पुलिस से हाथापाई हुई. तिवारी को उद्घाटन समारोह में आमंत्रित नहीं किया गया था फिर भी वो रविवार की शाम 3.30 बजे पहुंच गए. वो भजनपुरा की तरफ़ से ब्रिज पर आने की कोशिश कर रहे थे. तिवारी उत्तर-पूर्वी दिल्ली से लोकसभा सांसद हैं और ये ब्रिज भी इसी इलाक़े में है. तिवारी का आरोप है कि पुलिस ने उन्हें पुल पर आने से रोक दिया. मनोज तिवारी अपने समर्थकों के साथ पहुंचे थे. https://twitter.com/ManojTiwariMP/status/1059088096883437568?s=20 तिवारी और उनके समर्थक किसी तरह से आगे बढ़े तो रैपिड एक्शन फ़ोर्स के जवानों ने रोक दिया. तिवारी उद्घाटन मंच के पास जाने की कोशिश कर रहे थे. इसका नतीजा यह हुआ कि तिवारी और उनके समर्थक पुलिस से उलझ गए. इसी बीच आप के कार्यकर्ता भी आ गए और मामला बढ़ गया. बीजेपी का आरोप है कि पुलिस और आप क...

जमाई राजा को पांच साल नरेंद्र मोदी ने बचाया

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मोदी के पांच साल-बेमिसाल! 14 अक्टूबर 2012 को गुजरात के जामनगर में एक रैली में नरेंद्र मोदी ने कहा था कि - "एक परिवार के दामाद के ख़िलाफ़ कुछ आरोप थे और पूरी मनमोहन सिंह सरकार को उनके बचाव में लगा दिया गया. ये उसका व्यक्तिगत मामला हो सकता है और समय के साथ सच्चाई सामने आएगी."  2014 में रॉबर्ट वाड्रा पर नरेंद्र मोदी ने फिर आरोप लगाया और 2015 में हरियाणा के झज्झर में फिर से कहा कि हरियाणा सरकार ने "दामाद" के लिए जमीन घोटाला किया.  लगभग पांच साल सरकार में रहने के बाद मोदी जी आपसे ये सवाल तो पूछा ही जाना चाहिए कि रॉबर्ट वाड्रा को आप एक दिन के लिए भी जेल क्यों नहीं भेज पाए.

गुजरात में फिर उत्तर भारतीयों की हत्या

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गुजरात में उत्तर भारतीयों के साथ मारपीट और दुर्व्यवहार की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। गुजरात की आर्थिक राजधानी सूरत में बिहार के गया के रहने वाले एक युवक की लोहे के रॉड से पीट-पीटकर हत्या कर दी गई बताया जा रहा है कि शुक्रवार के दिन शाम को अमरजीत नामक युवक मिल से अपने घर वापस लौट रहा था तभी हिंसक भीड़ ने उसपर हमला बोल दिया और उसकी इतनी पिटाई की कि उसकी मृत्यु हो गई। घटना की सूचना के बाद उसके पैतृक घर में मातम पसर गया है। उसके परिवारवालों का रो-रो कर बुरा हाल है। घटना से पूरा परिवार सदमे में है। अमरजीत के पिता रिटार्ड सैनिक है उन्होंने बिहार सरकार के साथ-साथ गुजरात और भारत सरकार से इस हिंसा की आग को रोकने के लिए जरूरी कदम उठाने की मांग की है जिससे किसी अन्य परिवार को इस दर्द से न गुजरना पड़े। बता दें कि गुजरात के साबरकांठा जिले के हिम्मतनगर में बीते 28 सितंबर को 14 महीने की बच्ची के साथ रेप की घटना सामने आई थी। पुलिस ने फौरन कार्रवाई करते हुए रेप के आरोपी बिहार के रहने वाले रविंद्र साहू नाम को गिरफ्तार कर लिया था। इस घटना के बाद स्थानीय लोगों में उत्तर भारतीयो...

ब्रिटेन की मीडिया ने सरदार पटेल की इस मूर्ति को लेकर भारत सरकार की धज्जियां उड़ा दी हैं।

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गुजरात में बनी दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ दुनिया भर में चर्चा का विषय बनी हुई है। इस बीच ब्रिटेन की मीडिया ने सरदार पटेल की इस मूर्ति को लेकर भारत सरकार की धज्जियां उड़ा दी हैं।  ब्रिटिश मीडिया ने दावा किया कि जब भारत यह मूर्ति बना रहा था उस बीच ब्रिटेन ने भारत को करीब एक अरब पाउंड की आर्थिक मदद दी। बता दें कि ब्रिटेन द्वारा बताई जा रही यह रकम पटेल की मूर्ति पर आए खर्च से कहीं ज्यादा है। ब्रिटेन की वेबसाइट, डेली मेल ने लिखा है कि ब्रिटेन के करदाताओं का पैसा प्रत्यक्ष रूप से मूर्ति निर्माण में नहीं लगा बल्कि भारत में हुए विभिन्न विकास कार्यों में लगा है। लेकिन अगर भारत अपना पैसा मूर्ति बनाने में खर्च नहीं करता तो उन प्रॉजेक्ट्स का खर्च खुद उठा सकता था। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की विशेषता  https://youtu.be/TDkZBTsuBcQ इस खबर में भारत को तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बताया गया है। यह भी दावा किया गया है कि भारत को जितनी आर्थिक मदद मिलती है, उससे कई गुना ज्यादा की मदद वह खुद दूसरे देशों की करता है। इसमें यह भी कहा गया है कि ब्रिटेन को अब भार...